प्राचीन कौशाम्बी की कला और संस्कृति में सौंदर्य प्रसाधन और वस्त्राभूषणों का सांस्कृतिक एवं कलात्मक विश्लेषण

Authors

  • डाॅ. जमील अहमद असिस्टेंट प्रोफेसर, प्राचीन इतिहास, संस्कृति, एवं पुरातत्व विभाग, ईश्वर शरण पी0जी0 काॅलेज, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज, उ0प्र0 Author
  • प्रियंका पटेल शोध छात्रा, प्राचीन इतिहास, संस्कृति, एवं पुरातत्त्व विभाग, ईश्वर शरण पी0जी0 काॅलेज, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज, उ0प्र0 Author

Keywords:

कौशाम्बी, सौन्दर्य प्रसाधन, वेशभूषा, अलंकृत आभूषण, कलात्मक अध्ययन।

Abstract

वत्स महाजनपद की राजधानी कौशाम्बी के उत्खनन से प्राप्त विविध प्रकार के कलात्मक पुरावशेषों, प्रस्तर तथा मृण्मूर्तियों आदि में उत्कीर्ण स्त्री-पुरूष प्रतिमाओं के अध्ययन से यह ज्ञात होता है कि कौशाम्बी के प्राचीन समाज में स्त्री-पुरूष अनेक प्रकार के प्रसाधन व वेशभूषा धारण करते थे, जो कौशाम्बी के सांस्कृतिक, सामाजिक और धार्मिक मूल्यों से जुड़ी थी। जहाँ स्त्रियाँ सजावट और अलंकरण को प्राथमिकता देती थी, वही पुरूषों की सजावट में गरिमा और पद का वर्चस्व था। स्त्री-पुरूष प्रसाधन एवं वेशभूषा के अन्तर्गत विविध प्रकार के केशविन्यास, शिरोभूषा, कर्णाभूषण, ग्रीवा आभूषण, परिधान तथा हाथ-पैर एवं कमर आदि में पहने जाने वाले आभूषणों के माध्यम से उस समय के सामाजिक, आर्थिक जीवन व उनके सांस्कृतिक जीवन पर विस्तार से जानकारी प्राप्त होती है। इन प्रसाधन एवं वेशभूषा निर्माण की तकनीकि एवं उसमें प्रयोग किए गए विविध सामग्रियों के द्वारा इनके खोजी प्रवृत्ति के साथ-साथ उस समय प्रकृति में मौजूद सौन्दर्य सामग्रियों के प्रयोग द्वारा हम प्राचीन मानव के जिज्ञासा प्रवृत्ति का अध्ययन कर सकते हैं। कौशाम्बी से प्राप्त पुरावशेषों के अध्ययन से यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि स्त्रियाँ जिस प्रकार के प्रसाधन एवं वेशभूषा का प्रयोग करती थी, उसमें थोड़े बहुत परिवर्तन के साथ पुरूष भी अपने सौन्दर्य सज्जा पर विशेष ध्यान दिया करते थे।

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Published

12-12-2024

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Research Articles

How to Cite

[1]
डाॅ. जमील अहमद and प्रियंका पटेल, “प्राचीन कौशाम्बी की कला और संस्कृति में सौंदर्य प्रसाधन और वस्त्राभूषणों का सांस्कृतिक एवं कलात्मक विश्लेषण”, Int J Sci Res Humanities and Social Sciences, vol. 1, no. 2, pp. 264–274, Dec. 2024, Accessed: Aug. 26, 2025. [Online]. Available: https://ijsrhss.com/index.php/home/article/view/IJSRSSH241242